दुर्ग, 09 दिसंबर 2025/ स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव ने आज जल संसाधन विभाग दुर्ग के तांदुला संभागीय कार्यालय एवं उपसंभागीय भवनों का लोकार्पण फीता काटकर किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अहिवारा विधायक श्री डोमनलाल कोर्सेवाड़ा ने की। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि दुर्ग ग्रामीण विधायक श्री ललित चंद्राकर, तेलघानी विकास बोर्ड अध्यक्ष श्री जितेन्द्र कुमार साहू, अधीक्षण अभियंता श्री सुरेश कुमार पांडेय एवं कार्यपालन अभियंता श्री आशुतोष सारस्वत सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव ने इस भवन को प्रदेश में जल संसाधन प्रबंधन और कृषक हितों के क्षेत्र में उच्च दक्षता, पारदर्शिता और तकनीकी प्रगति का उत्कृष्ट उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि यह आधुनिक परिसर पुराने जर्जर भवन की जगह, भविष्यदृष्टा और टिकाऊ तकनीकी मानकों के अनुसार विकसित किया गया है, जिससे विभागीय कार्य प्रणाली और जनता-केंद्रित सेवाओं में स्पष्ट रूप से सुधार आएगा। वर्ष 1912 में निर्मित पुराना भवन समय के साथ अत्यधिक जर्जर हो गया था, जिससे विभागीय कार्य प्रणाली और आम जनता को अपेक्षित सुविधा प्रभावित हो रही थी। भवन का पुनर्निर्माण दूरगामी दृष्टि, तकनीकी मानकों और जनता-केंद्रित प्रशासनिक आवश्यकताओं के अनुरूप किया गया। इस परियोजना की कुल लागत रू. 336.67 लाख है। यह परिसर दुर्ग जिले में 1.27 लाख हेक्टेयर कृषि क्षेत्र की सिंचाई योजनाओं, जल संरक्षण एवं अनुरक्षण कार्य और डिजिटाइज्ड अभिलेख प्रणाली के संचालन में केंद्रीय भूमिका निभाएगा। उन्होंने सिंचाई के लिए नहर को महत्वपूर्ण बताया। नहर का जाल बिछने से सभी प्रकार के वाटर रिसोर्स रिचार्ज किया जा सकता है।
नवीन भवन में अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाएं सम्मिलित हैं, संरचना के साथ दीर्घकालिक स्थायित्व, फ्लाई ऐश ब्रिक आधारित पर्यावरण-सम्मत निर्माण, प्राकृतिक वेंटिलेशन और पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, ऊर्जा-दक्ष प्रकाश एवं वातानुकूलन प्रणाली, सुरक्षित अभिलेख कक्ष और डिजिटाइज्ड ई-ऑफिस अवसंरचना, बहुउद्देश्यीय बैठक कक्ष, विस्तारित कॉरिडोर और सुरक्षित आगंतुक मार्ग, तथा भविष्य की वृद्धि के अनुरूप अनुकूलनीय रूपरेखा। इन सभी तकनीकी पहलुओं ने भवन को प्रशासनिक उत्कृष्टता, कार्यकुशलता और पर्यावरणीय संतुलन का आदर्श केंद्र बनाया।
प्रदेश के अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं अहिवारा विधायक श्री डोमनलाल कार्सेवाड़ा ने भी जल संरक्षण पर अपने विचार रखते हुए कहा कि सभी जलाशयों में गहरीकरण और सौंदर्यीकरण की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कंपनियों द्वारा प्रदूषित जल सीधे जलाशयों में छोड़ा जा रहा है। इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि जलाशयों की शुद्धता और पर्यावरण संतुलन बनाए रखा जा सके।
कार्यक्रम के दौरान छ.ग.राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं दुर्ग ग्रामीण विधायक श्री ललित चंद्राकर ने कहा कि नए संभाग के गठन के साथ जिले के विकास की संभावनाएं और बढ़ गई हैं। बदलते समय के साथ स्वयं को अपडेट करना और निरंतर नवाचार करना आवश्यक है। उन्होंने जल के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि पाँच तत्वों में जल का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है और भारत जैसे कृषि प्रधान देश में पानी का संरक्षण अत्यावश्यक है। आधुनिक तकनीक की मदद से पानी के उपयोग को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जिले में व्यापक स्तर पर सोखता निर्माण का कार्य जारी है। इसी पहल के लिए जिले को हाल ही में विशेष पुरस्कार भी मिला है। उन्होंने कहा कि यदि प्रत्येक परिवार अपने घरों में सोखता का निर्माण करे, तो जल संकट को काफी हद तक दूर किया जा सकता है।








