रिपोर्टर – मो युसूफ खान दुर्ग ग्रामीण
Ⓜ️- 9179799491

मचांदुर // ग्राम मचांदुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (PHC) का जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों की उपस्थिति में निरीक्षण किया गया, जिसमें अस्पताल की बदहाली और स्वास्थ्य सेवाओं की दयनीय स्थिति उजागर हुई। निरीक्षण के दौरान अस्पताल में कर्मचारियों की भारी कमी, निशुल्क दवाओं की अव्यवस्थित व्यवस्था, और भवन की साफ-सफाई व रंग-रोगन का अभाव जैसे कई गंभीर मुद्दे सामने आए।
*स्वीकृत स्टाफ 18, कार्यरत मात्र 14 — 4 कर्मचारी अन्य अस्पतालों में अटैच*
अस्पताल में कुल 18 स्वीकृत पद हैं, परंतु उनमें से 4 कर्मचारी जिला अस्पताल दुर्ग, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र निकुम तथा हनोदा में अटैच कर दिए गए हैं, जिससे स्थानीय अस्पताल में केवल 14 स्टाफ ही कार्यरत हैं। अटैच कर्मचारी ट्रैसर, आई अटेंडेंट, सहायक ग्रेड-3 एवं नर्सिंग स्टाफ के महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं, जिनकी अनुपस्थिति का सीधा प्रभाव मरीजों पर पड़ रहा है।
45-50 मरीज प्रतिदिन आते हैं इलाज के लिए, सुविधाओं का अभाव
निरीक्षण के दौरान यह भी जानकारी मिली कि हर दिन 45 से 50 मरीज इलाज के लिए मचांदुर PHC पहुंचते हैं। इस संख्या के हिसाब से स्टाफ और संसाधनों की व्यवस्था बेहद अपर्याप्त है। मरीजों को लाइन में लंबा इंतजार करना पड़ता है। और कई बार इलाज के लिए उन्हें वापस लौटना पड़ता है।
*खुली जगह पर रखी गई दवाएं, संक्रमण और दुरुपयोग का खतरा*
सबसे गंभीर बात यह सामने आई कि अस्पताल में नि:शुल्क वितरण की दवाएं मरीजों और उनके परिजनों के बैठने की जगह पर ही खुले में रखी गई हैं। जिससे दवाओं की सुरक्षा और गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्न खड़े हो गए हैं। इस तरह की लापरवाही से न केवल संक्रमण का खतरा बढ़ता है, बल्कि दवाओं के दुरुपयोग की भी आशंका रहती है।
*भवन में नहीं हुआ वर्षों से रंग-रोगन, दीवारें जर्जर*

अस्पताल भवन की स्थिति भी दयनीय है। कई वर्षों से भवन की पोताई नहीं हुई, जिससे दीवारें फटी हुई, गंदी और बदरंग नजर आ रही हैं। यह स्थिति स्वास्थ्य केन्द्र की छवि और स्वच्छता दोनों को प्रभावित करती है।
*जनप्रतिनिधि व ग्रामीणों ने उठाई आवाज*
निरीक्षण के दौरान ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधि और नागरिक उपस्थित रहे। सरपंच युगल किशोर साहू, उपसरपंच दुष्यंत साहू, पंच अशोक साहू, मंशा राम साहू, गणपत साहू, संजय साहू, महमूत खान, शिव साहू, नर्सिंग स्टाफ धीरेंद्र गौतम,आयाबाई दुर्गेश साहू तथा अन्य ग्रामीणों ने अस्पताल की बदहाली पर गहरी चिंता जाहिर की।
*जनपद सदस्य और किसान नेता ढालेश साहू की तीखी प्रतिक्रिया*
इस अवसर पर उपस्थित जनपद सदस्य एवं किसान नेता ढालेश साहू ने कहा:
> “यह स्थिति दर्शाती है कि ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य ढांचे की उपेक्षा की जा रही है। मचांदुर जैसे महत्वपूर्ण केंद्र में स्टाफ की कमी, अव्यवस्थित दवा वितरण और जर्जर भवन होना बेहद दुर्भाग्यजनक है। शासन को तत्काल हस्तक्षेप कर सुधार की दिशा में कदम उठाने चाहिए, अन्यथा जन आंदोलन किया जाएगा।”
*ग्रामीणों की मांगें*
निरीक्षण के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन से निम्नलिखित मांगें की हैं:
अटैच किए गए कर्मचारियों को तुरंत मचांदुर PHC में पुनः पदस्थ किया जाए
अस्पताल में नियमित चिकित्सक की पदस्थापना की जाए
दवाओं के सुरक्षित भंडारण की व्यवस्था की जाए
भवन की मरम्मत व रंग-रोगन तत्काल करवाया जाए
स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए
*निष्कर्ष*
PHC मचांदुर की वर्तमान स्थिति ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की वास्तविक तस्वीर बयां करती है। यदि समय रहते शासन-प्रशासन ने संज्ञान नहीं लिया, तो यह क्षेत्र एक बड़े स्वास्थ्य संकट की ओर बढ़ सकता है। अब समय आ गया है कि घोषणाओं से आगे बढ़कर जमीनी कार्रवाई की जाए।







