1951जनगणनाआधार पर डोमिसाइल नीति लागू हो : छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच

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भिलाई, कमजोर डोमिसाइल नीति से छत्तीसगढ़यों के हाथ से निकल गया,जंगल जमीन और रोजगार पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में चर्चा और चिंता व्यक्त करते हुए छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच के केंद्रीय अध्यक्ष पूरन लाल साहू ने कहा है कि छत्तीसगढ़िया अस्तित्व खतरे में है अन्य राज्यों में मजबूत डोमिसाइल नीति है वहां की जनता छत्तीसगढ़ियों से बेहतर है।
केन्द्रीय अध्यक्ष का कहना हैं कि राज्य सरकार के हाथों में सत्ता की शक्ति है छत्तीसगढ़ राज्य के लोगों के हित में मजबूत डोमिसाइल नीति बनाकर छत्तीसगढ़ी मूल निवासी को उनका हक में पहल करें। छत्तीसगढ़ की वर्तमान डोमिसाइल नीति कमजोर होने के कारण बाहरी आसानी से जाति – निवासी बनाकर छत्तीसगढ़ी बन जाते हैं और यहां के संसाधनों पर अधिकार कर लेते हैं कर लिया है।
उन्होंने बताया कि भारत देश 1947 में आजाद हुआ , तत्कालीन राजा राजवाड़े का राज्य रहा है अनेकों राजाओं के राज्य मिलाकर एक विशाल भारत देश का निर्माण हुआ, जिसकी पहली जनगणना 1951 में किया गया, तत्कालीन जनगणना में पाये गये निवासी को छत्तीसगढ़ी माना जावें,इसी आधार पर नीति लागू किया जाये । इस संबंध में राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री, प्रतिपक्ष लोकसभा नेता राहुल गांधी एवं छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय व व्दय उपमुख्यमंत्री अरूण साव और विजय शर्मा के अलावा नेता प्रतिपक्ष छत्तीसगढ़ चरणदास महंत को पत्र माध्यम से मांग किया गया है कि 1951जनगणना आधार पर डोमिसाइल नीति बनाकर मूल छत्तीसगढ़ीयों और छत्तीसगढ़ को हक दिलवायें।
छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच का कहना है कि छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ियों के हित में छत्तीसगढ़ शासन के सामने आठ मांग रखा है सर्व प्रथम छत्तीसगढ़ में डोमिसाइल नीति सन् 1951अनुसार लागू हो और उन्हें ही छत्तीसगढ़ मूल निवासी माना जावें, छत्तीसगढ़ के 90%संसाधनों पर पहला हक छत्तीसगढ़ियों का हो , छत्तीसगढ़ के कृषि जमीनों पर गैर छत्तीसगढ़ी के खरीदी पर तत्काल रोक लगे, छत्तीसगढ़ के उद्योगों कारखानो में मजदूरों की पेंशन व्यवस्था, किसान कार्ड तर्ज पर मजदूर क्रेडिट कार्ड बनाये जाये के माध्यम से मजदूरों को बिना व्याज के पांच लाख तक ऋण दिया जावें, मजदूरों के हादसे में पचास लाख का मुआवजा दिया जाए, इसके अलावा छत्तीसगढ़ मूल निवासी युवाओं को एज्युकेशन पात्रता अनुसार रोजगार की गारंटी होनी चाहिए।

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