ग्राम अंडा में साहू परिवार के द्वारा आयोजित श्री मद भागवत ज्ञान यज्ञ के द्वितीय दिवस की कथा में भारतीय संस्कृति, परंपरा, और समाज सेवा पर जोर देते हुए पं दिग्विजय शर्मा ने कहा कि भारतीय संस्कृति जोड़ने की है तोड़ने की नहीं। आज की परिस्थिति को देखते हुए पंडित जी ने सर्व धर्म समभाव की व्याख्या करते हुए कहा कि अपने धर्म के प्रति अडिग रहो, किसी के बहकावे में न आकर अपने धर्म को प्राथमिकता देते हुए किसी और धर्म को न अपनाने की सीख दिए। पंडित जी ने कहा कि आज के समय में पाश्चात्य सभ्यता से दूरी बनाते हुए अपनी भारतीय सभ्यता का आदर करते हुए अपनी सभ्यता को मनाना हमारा धर्म है। आज पाश्चात्य सभ्यता के कारण हमारे समाज में कई बुराइयां आ गया है जैसे केक कटना, छोटे कपड़े पहनना, बड़ो का सम्मान ना करना आदि। इन बुराइयों के कारण आज समाज में अनेक घटनाएं हो रहा है इसलिए समाज को बचाने के ऐसी पाश्चात्य सभ्यता से लोगो को दूर रहना होगा। जिसके लिए लोगो को जागरूक होना पड़ेगा।
इसके अलावा कर्म प्रधान इस दुनिया में आलस्य को दूर करते हुए अपने कर्म पर ध्यान देने की आवश्यकता है। कथा श्रवण करने आए श्रद्धालुओं से निवेदन करते हुए एवं हमारे कर्म को बताते हुए कहा कि समाज के प्रति सजग रहकर निस्वार्थ भाव से लोगो की समस्याओं के साथ खड़े रहने, न्याय दिलाने और जितना हो सके समाज की सेवा करने की अपील किया।







