दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पावरग्रिड रायपुर–पूल धमतरी ट्रांसमिशन लिमिटेड द्वारा संचालित 400 केवी उच्च क्षमता विद्युत ट्रांसमिशन लाइन परियोजना के मुआवजा वितरण में गंभीर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। इस परियोजना के तहत दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र के 19 गांवों में विद्युत लाइन बिछाई गई है, जिनमें ग्राम मचांदूर के दर्जनों किसान प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए हैं।
प्रभावित किसानों को मुआवजा भुगतान हेतु जिला प्रशासन द्वारा 12 दिसंबर को संबंधित पटवारी के माध्यम से चेक वितरित किए गए थे। किसानों ने इन चेकों को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, उपशाखा अण्डा में विधिवत रूप से जमा किया। बैंक द्वारा चेक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में प्रस्तुत करने पर उन्हें “इंस्ट्रूमेंट आउट डेटेड / स्टेल (अवधि समाप्त)” कारण दर्शाते हुए वापस कर दिया गया। बैंक प्रबंधन ने स्पष्ट किया कि चेक की वैध अवधि समाप्त हो जाने के कारण भुगतान संभव नहीं है तथा यह मामला धनराशि की कमी से संबंधित नहीं, बल्कि पूर्णतः प्रशासनिक एवं प्रक्रियागत त्रुटि है।
दर्जनों किसानों के चेक बाउंस होने से ग्राम मचांदूर के किसान आर्थिक संकट और मानसिक परेशानी का सामना कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि यदि जिला प्रशासन द्वारा समय रहते मुआवजा वितरण की प्रक्रिया नियमों के अनुसार पूरी की जाती और वैध अवधि वाले चेक जारी किए जाते, तो उन्हें इस स्थिति से नहीं गुजरना पड़ता। इस पूरे घटनाक्रम ने मुआवजा वितरण में जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली और निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।







