✍🏾मो. युसुफ खान ✍🏾

दुर्ग/अंडा।
ग्राम अंडा के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की याद में प्रस्तावित मूर्ति स्थापना आज भी अधूरी पड़ी है। शासन-प्रशासन की लापरवाही का आलम यह है कि 7–8 वर्ष बीत जाने के बावजूद अब तक मूर्तियों की स्थापना नहीं हो सकी है, जबकि स्थल चयन से लेकर सौंदर्यीकरण तक पर लाखों रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
आजादी की लड़ाई में ग्राम अंडा के तीन जांबाज़—
श्री हलालखोर उर्फ़ मंत्रीलाल सिन्हा,
श्री चेतन लाल चंद्राकर,
श्री दशरथ लाल चंद्राकर
ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। अंग्रेजों की गुलामी के खिलाफ संघर्ष करते हुए इन स्वतंत्रता सेनानियों ने जेल की यातनाएं झेलीं और देश को आज़ाद कराने में अपना योगदान दिया।
अटल चौक अंडा में इन तीनों सेनानियों की मूर्ति स्थापित करने हेतु शासन-प्रशासन द्वारा वर्षों पहले ही स्थल चयन कर लिया गया था। चौक का सौंदर्यीकरण कर मंच, पेडेस्टल और आधार ढांचा भी तैयार कर दिया गया, लेकिन मूर्तियों की स्थापना आज तक नहीं हो पाई है।
परिजनों की गुहार—कलेक्टर जनदर्शन में लगाया आवेदन
स्वतंत्रता सेनानी श्री हलालखोर उर्फ़ मंत्रीलाल सिन्हा के पुत्र देवेन्द्र कुमार सिन्हा ने इस गंभीर उपेक्षा को लेकर कलेक्टर जनदर्शन दुर्ग में आवेदन प्रस्तुत किया है। उन्होंने मांग की है कि
“अटल चौक में तत्काल तीनों स्वतंत्रता सेनानियों की मूर्ति स्थापित कर उन्हें सम्मान दिया जाए।”
परिजनों का कहना है कि वर्षों तक आश्वासन के बाद भी अब तक मूर्तियाँ न लगना उन वीर सेनानियों के योगदान के साथ अन्याय है, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपना जीवन लगाया।
ग्रामवासियों में भी नाराज़गी
ग्राम अंडा के लोगों का कहना है कि स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में बनने वाला यह स्मारक ही विलंब और उपेक्षा का शिकार हो गया है। प्रशासन की उदासीनता के कारण लाखों रुपये की सरकारी राशि भी उपयोग में आने के बिना व्यर्थ पड़ी है।
ग्रामीणों की माँग—जल्द कार्रवाई हो
ग्रामीणों और परिजनों ने प्रशासन से अपील की है कि
“बिना और देर किए मूर्तियाँ लगाई जाएं और स्वतंत्रता सेनानियों को उचित सम्मान दिया जाए।”






