लोहराकोट, शासकीय आदर्श महाविद्यालय लोहराकोट में हाल ही में जनजातीय_गौरव_दिवस के अवसर पर एक प्रेरणादायक और भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

जनजातीय गौरव दिवस का उद्देश्य और PM मोदी की संकल्पना
कार्यक्रम की शुरुआत में जनजातीय गौरव दिवस (15 नवंबर) को मनाने के पीछे के उद्देश्य को स्पष्ट किया गया। वक्ताओं ने बताया कि इस दिवस को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की पहल पर स्थापित किया गया है।
इसके प्रमुख उद्देश्य हैं:
* जनजातीय बलिदान का सम्मान: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र निर्माण में जनजातीय नायकों के अभूतपूर्व बलिदान को राष्ट्र के समक्ष लाना।
* युवाओं को प्रेरणा: देश की युवा पीढ़ी को जनजातीय नायकों के साहस और राष्ट्रभक्ति से परिचित कराना।
* जनजातीय संस्कृति का संरक्षण: जनजातीय संस्कृति, जीवन-मूल्यों और परंपराओं के प्रति सम्मान बढ़ाना।
मुख्य वक्ता श्री कमलेश डड़सेना का प्रेरणादायक उद्बोधन
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के नाते श्री कमलेश डड़सेना उपस्थित रहे। अपने प्रभावशाली उद्बोधन में श्री डड़सेना ने प्रधानमंत्री की इस पहल की सराहना की और भारतीय इतिहास के ऐसे नायकों को पहचान दिलाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
श्री डड़सेना ने विशेष रूप से धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के ‘उलगुलान’ (महान विद्रोह) और उनके जल-जंगल-जमीन की रक्षा के लिए किए गए संघर्ष पर प्रकाश डाला। उन्होंने छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह के त्याग को भी याद किया और बताया कि कैसे उन्होंने गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने तथा अन्याय के विरुद्ध खड़े होने के लिए अंग्रेजी हुकूमत से लोहा लिया।
विशिष्ट एवं प्रशासनिक उपस्थिति
इस गरिमामय कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री मनोज कोसरिया जी उपस्थित रहे।
पूरे कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आयोजित करने में निम्नलिखित प्रशासनिक टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही:
* कार्यक्रम संयोजक: डॉ. एस. एस. दीवान सर जी
* कार्यक्रम उप-संयोजक: श्री एस. विशाल सर जी
* नोडल अधिकारी: श्री पी. ठाकुर सर जी
कार्यक्रम में समस्त महाविद्यालय व्याख्यातागण और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।








