मो युसूफ खान अंडा दुर्ग

दुर्ग // 400 के.वी. विद्युत टावर लाइन परियोजना से प्रभावित किसानों का धैर्य अब जवाब दे चुका है। शासन आदेश और प्रशासन के आश्वासनों के बावजूद उचित मुआवज़ा न मिलने पर किसानों ने ग्राम नगपुरा में विशाल आंदोलन किया।आंदोलनकारी किसानों ने आरोप लगाया कि दुर्ग जिला प्रशासन ने खुद जो मुआवज़ा पत्रक किसानों को नाम चेक करने और सुधार करने के लिए उपलब्ध कराया था, अब उसी से मुकर रहा है। इस पत्रक में टावर बेस की भूमि के लिए 200% मुआवज़ा और दोनों तारों के नीचे की भूमि के लिए 30% मुआवज़ा स्पष्ट दर्ज है।
किसानों का कहना है कि जब स्वयं प्रशासन ने यह पत्रक दिया और उसमें दरें तय कीं, तो अब वास्तविक भुगतान में 200% की जगह 80% और 30% की जगह मात्र 15% क्यों दिया जा रहा है? यह सीधा-सीधा शासन आदेश (10 मार्च 2025) की अवहेलना और किसानों के साथ धोखा है।

आंदोलन में गूंजा किसानों का आक्रोश
ग्राम नगपुरा में हुए इस आंदोलन में बड़ी संख्या में प्रभावित किसान एकजुट हुए और प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए। किसानों ने साफ कहा कि उनकी ज़मीन पर टावर तो खड़े हो गए, लेकिन उनका हक़ अब तक नहीं मिला।आज आंदोलन में कई किसानों ने यह भी कहा कि उन्हें अपने खेतों की मेड़ों पर लगे पेड़ों का मुआवज़ा अभी तक नहीं मिला है।*ग्राम मातरोडीह के किसान रमेश साहू ने आंदोलन के दौरान कहा*जब विद्युत लाइन का कार्य चल रहा था, तब फसल नुकसान हो या पेड़ कटाई – उसका पैसा डायरेक्ट किसानों के खातों में जमा हुआ। फिर मुआवज़ा राशि वितरण के समय ऐसा क्यों नहीं किया गया?”
ढालेश साहू का तीखा बयान*
जनपद सदस्य एवं प्रभावित किसान ढालेश साहू ने आंदोलन स्थल से कहा–
“यह शासन और प्रशासन द्वारा किसानों को दिया गया खुला धोखा है। स्वयं प्रशासन ने मुआवज़ा पत्रक किसानों को नाम मिलान और सुधार हेतु दिया था, जिसमें 200% और 30% स्पष्ट लिखा है। अब उससे मुकरना किसानों के अधिकारों को लूटने जैसा है। इसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
विभिन्न गांवों से जुटे किसान*
इस आंदोलन में केवल नगपुरा ही नहीं, बल्कि आसपास के कातरों-मातरो, टोला, भेडसर, ढांबा, डान्डेसरा सहित अनेक गांवों के किसान शामिल हुए।
प्रभावित किसानों में रूपेन्द्र रिगंरी, पुकेश साहू, रमेश साहू, प्रशांत साहू, गजेन्द्र गजपाल, बंसीलाल देवांगन, दीपचंद गुप्ता, बाबूलाल साहू, किसून यादव, कोमल धनकर, मंथीर धनकर, मोहन धिमर, मेघनाथ यादव, गजानंद और संजय देशमुख सहित सैकड़ों किसान मौजूद थे।
किसानों की माँगें
शासन आदेश (10 मार्च 2025) का अक्षरशः पालन हो।किसानों को बिना कटौती के 200% और 30% की दर से पूरा मुआवज़ा मिले!खेत की मेड़ों पर लगे पेड़ों सहित सभी मदों का पूरा मुआवज़ा दिया जाए। भेदभावपूर्ण भुगतान की उच्च स्तरीय जाँच कर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो।किसानों की अंतिम चेतावनी
किसानों ने आंदोलन से साफ संदेश दिया –*
“मुआवज़ा नहीं तो आंदोलन तेज़ होगा… यह हमारी मांग नहीं, हमारा अधिकार है। अगर बात नहीं बनी, तो अगला कदम जिला कलेक्टर का घेराव होगा।







