यूसुफ़ खान अंडा दुर्ग——

दुर्ग,
भरदा ग्राम पंचायत के सचिव को जनहित योजनाओं में मनमानी और असंवैधानिक कार्यों के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। मामला माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण से जुड़ा है, जिसमें पंचायत सचिव द्वारा अपने पद का ऊंचा दर्जा दिखाकर प्रस्ताव पारित करने और मनरेगा जैसी कल्याणकारी योजना को बिना वजह निरस्त करने के आरोप लगे हैं।

जांच में सामने आए आरोप
ग्रामवासी नोवेश्वर कुमार एवं अन्य ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर जिला पंचायत के मार्गदर्शन में जांच की गई। अनुविभागीय अधिकारी (रा.) और जनपद पंचायत दुर्ग के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे।
दो सदस्यीय जांच दल ने 10 जुलाई 2025 को ग्राम पंचायत भवन भरदा में उपस्थित होकर आवेदकों एवं संबंधित पक्षों के बयान लिए। जांच में यह बातें सामने आईं—
पशु शेड हेतु चयनित हितग्राहियों को ग्राम सभा में निरस्त करने में सरपंच एवं सचिव की भूमिका पाई गई।
मनरेगा शाखा से संपर्क करने पर स्पष्ट हुआ कि स्वीकृति निरस्त नहीं की गई थी और जांच उपरांत स्वीकृति प्रदान करने की बात कही गई।
सरपंच पति जयप्रकाश भारदीय पंचायत बैठकों में हस्तक्षेप करते हैं।
ग्राम भरदा में शराब भट्टी खोलने का कोई शासकीय आदेश नहीं था, फिर भी भ्रामक मौखिक जानकारी दी गई।
एक निजी भूमि को अतिक्रमण बताकर ग्राम सभा पंजी में दर्ज किया गया, जो नियमविरुद्ध है।
पद के दुरुपयोग के आरोप
जांच प्रतिवेदन के अनुसार, सरपंच एवं सचिव द्वारा शराब भट्टी खोलने का भ्रामक प्रचार, निजी भूमि को अतिक्रमण बताना और न्यायालय में विचाराधीन धार्मिक स्थल पर टिप्पणी करना, पद की गरिमा और दायित्व के विपरीत है।
इस संबंध में प्रशासन ने कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है। अब सचिव को तय समय सीमा में अपना जवाब प्रस्तुत करना होगा, अन्यथा आगे की कार्रवाई की जाएगी।







