( मो युसूफ खान) दुर्ग //
छत्तीसगढ़ — पावरग्रिड रायपुर पूल–धमतरी ट्रांसमिशन लिमिटेड द्वारा 400 के.व्ही. डी.सी. रायपुर संचरण लाइन का विस्तार ग्राम मचांदुर सहित दुर्ग विकासखंड के 19 गांवों में किया गया है। परियोजना के तहत खेतों में विशाल विद्युत टावर और ट्रांसमिशन लाइनें स्थापित की गई हैं। प्रभावित किसानों का आरोप है कि मुआवजा निर्धारण में जिला प्रशासन छत्तीसगढ़ सरकार के आदेश का पालन नहीं कर रहा।

*10 मार्च 2025 को राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने स्पष्ट आदेश जारी किया था कि—*
*टावर बेस क्षेत्र का मुआवजा भूमि मूल्य का 200% होगा।*
*राईट-ऑफ-वे (ROW) कॉरिडोर का मुआवजा भूमि मूल्य का 30% होगा।*
लेकिन, किसानों का कहना है कि दुर्ग जिले के सक्षम अधिकारियों द्वारा 200% और 30% की जगह सिर्फ 100% और 15% की दर से मुआवजा बांटा जा रहा है, जिससे उन्हें उनके वाजिब अधिकार से आधा मुआवजा मिल रहा है।
इस अन्याय के खिलाफ कल ग्राम मचान्दुर में टावर लाइन से प्रभावित किसानों की बैठक हुई, जिसमें निर्णय लिया गया कि कल जिला कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया जाएगा और मांग की जाएगी कि मुआवजा का वितरण छत्तीसगढ़ शासन, मंत्रालय महानदी भवन, नवा रायपुर, अटल नगर के आदेश के अनुसार किया जाए।
बैठक में जनपद सदस्य ढालेश साहू, जसलोक साहू, रनमत साहू, नंद कुमार, गजेन्द्र साहू सहित सैकड़ों की संख्या में प्रभावित किसान उपस्थित थे।
*जनपद सदस्य व किसान नेता ढालेश साहू ने कहा—*
> “सरकार ने आदेश में साफ लिखा है कि 66 के.व्ही. से ऊपर की टावर लाइनों के लिए 200% और 30% मुआवजा मिलेगा, लेकिन प्रशासन किसानों के साथ धोखा कर रहा है। हम तब तक आंदोलन जारी रखेंगे जब तक सही दर से मुआवजा नहीं मिलता।







