रिपोर्टर – मो युसुफ खान
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*कहा – शोषितों के हक़ की लड़ाई ही मेरा संकल्प है*
*दिनांक: 29 जुलाई 2025,*
जनपद पंचायत दुर्ग के जनप्रतिनिधि, किसान नेता व सामाजिक कार्यकर्ता ढालेश साहू ने आज 29 जुलाई को अपना जन्मदिन किसी व्यक्तिगत उत्सव के बजाय जनता की सेवा और संघर्ष के संकल्प के रूप में मनाया। उन्होंने इस दिन को खास बनाते हुए कहा कि यह उन तमाम किसान-मजदूरों, वंचितों और शोषित वर्गों को समर्पित है जिनके अधिकारों के लिए वे लगातार संघर्षरत हैं।
*इस अवसर पर उन्होंने नागपंचमी पर्व की भी समस्त जनता को हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहा—*
> “यह पर्व प्रकृति, परंपरा और जीवों के सम्मान का प्रतीक है। जैसे नागपंचमी पर हम सांपों की पूजा कर सह-अस्तित्व का आदर्श प्रस्तुत करते हैं, वैसे ही समाज के हर वंचित वर्ग को भी बराबरी और सम्मान मिलना चाहिए।”
*ढालेश साहू ने स्पष्ट शब्दों में कहा:*
> “मैं इस भूमि का बेटा हूँ, और इस धरती के मेहनतकश लोगों की तकलीफ मेरी अपनी तकलीफ है। जब तक एक भी किसान को न्याय नहीं मिलेगा, एक भी मजदूर शोषण से पीड़ित रहेगा — तब तक मेरी लड़ाई जारी रहेगी।”
उन्होंने आगे कहा कि आज के दिन मैं कोई औपचारिक जश्न नहीं मना रहा हूँ, बल्कि जनसरोकारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए प्रशासन और सरकार को यह संदेश दे रहा हूँ कि जनता अब जाग चुकी है, और जवाबदेही तय करनी ही होगी।
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*🔹 उन्होंने अपने जनसंकल्प में निम्न प्रमुख मुद्दों को उठाया:*
ग्रामीण क्षेत्रों में अधूरे विकास कार्य, ख़ासतौर पर सड़क, नाली और जलस्रोत निर्माण
कृषि योजनाओं में भ्रष्टाचार और किसानों को समय पर लाभ न मिलना
मनरेगा और CLF वृक्षारोपण योजनाओं में अनियमितता
शासकीय स्कूलों की दुर्दशा और शिक्षकों की भारी कमी
ग्रामीण अंचलों में मजदूरों की मजदूरी भुगतान में देरी और भेदभाव
*🔸 उन्होंने यह घोषणा भी की:*
आने वाले समय में वे प्रशासनिक जवाबदेही और नीति सुधार के लिए लगातार जन संवाद, आंदोलन और दस्तावेजी कार्रवाई करते रहेंगे।
*जनता की प्रतिक्रिया:*
इस भावपूर्ण संकल्प से ढालेश साहू को क्षेत्र के किसानों, महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों का भरपूर समर्थन मिला। कई लोगों ने सोशल मीडिया और व्यक्तिगत रूप से उन्हें शुभकामनाएँ देते हुए उनके संघर्ष को सच्चे अर्थों में “जनसेवक का जन्मदिन” बताया।
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*🔸 संघर्ष का संकल्प – सेवा का संदेश*
> “मेरा जन्मदिन तभी सार्थक होगा जब मेरी आवाज़ से किसी मज़दूर को न्याय, किसी किसान को समर्थन और किसी शोषित को सम्मान मिलेगा।”
*— ढालेश साहू, जनपद सदस्य, दुर्ग







