सफलता की कहानी, मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना की मदद से सुनीता अग्रवाल ने जीती कैंसर से जंग

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दुर्ग, 10 दिसंबर 2024/ सुनीता अग्रवाल दुर्ग की निवासी हैं, वह एक साधारण गृहिणी हैं। उनके पति संतोष अग्रवाल कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में कार्यरत हैं और उनका परिवार दो बच्चों के साथ सामान्य जीवन जी रहा था। लेकिन जब सुनीता को ब्रेस्ट कैंसर का पता चला और वह कैंसर के चौथे स्टेज में पहुंच गया, तो उनका जीवन एक गंभीर संकट में फंस गया। बीमारी इतनी गंभीर हो चुकी थी कि कैंसर उनके मस्तिष्क (ब्रेन) तक फैल गया था, जिससे उनका चलना-फिरना भी बेहद मुश्किल हो गया था। इस स्थिति में इलाज का भारी खर्च सुनीता के परिवार के लिए जुटाना असंभव लग रहा था। डॉक्टरों ने उन्हें एआईआईएमएस, रायपुर में इलाज की सलाह दी, जिसमें ट्रांसटुज़ुमाब डेरुक्सेटेकन (Trastuzumab deruxtecan) थेरेपी और डीबीएस (DBS) बैटरी रिप्लेसमेंट प्रक्रिया शामिल थी। इस इलाज पर लाखों रुपये का खर्च आने वाला था, और परिवार के पास इसका कोई साधन नहीं था। लेकिन इस कठिन समय में मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना उनके लिए जीवनदायिनी साबित हुई। खास बात यह थी कि सुनीता और उनके परिवार को इस योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और न ही उनके पास किसी अन्य सहायता का साधन था। डॉक्टरों की सलाह पर उन्होंने इस योजना के तहत आवेदन किया। सरकार ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत उनकी मदद की और योजना के अंतर्गत इलाज के लिए 16 लाख 39944 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की। इलाज के बाद सुनीता अब धीरे-धीरे अपने सामान्य जीवन की ओर लौट रही हैं। आज वह चल-फिर पा रही हैं, और डॉक्टरों ने उन्हें कुछ दिनों के आराम के बाद पूरी तरह स्वस्थ हो जाने का आश्वासन दिया है।
सुनीता के पति संतोष अग्रवाल ने भावुक होकर कहा, “हमें इस योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। डॉक्टरों की सलाह पर हमने आवेदन किया, और सरकार ने जिस तत्परता से मदद की, उसके लिए मैं मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का तहेदिल से धन्यवाद करता हूं। इस योजना ने न केवल मेरी पत्नी की जान बचाई, बल्कि हमें आर्थिक संकट से भी उबारा।” छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल न केवल दुर्लभ और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे परिवारों के लिए वरदान है, बल्कि राज्य में स्वस्थ और समृद्ध समाज के निर्माण की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। “स्वस्थ छत्तीसगढ़, बेहतर छत्तीसगढ़” का सपना अब साकार हो रहा है, और सुनीता अग्रवाल जैसे जरूरतमंद नागरिकों के लिए यह योजना संजीवनी के समान साबित हो रही है।

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