जिला चिकित्सालय दुर्ग में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस

[adsforwp id="60"]

जिला चिकित्सालय दुर्ग में डॉ. अरुण कुमार साहू सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक के नेतृत्व में पीसीपीएनडीटी कार्यक्रम अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में अस्पताल के ओपीडी प्रांगण में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जेंडर आधारित लिंग चयन लड़कियों के खिलाफ एक भेदभावपूर्ण व्यवहार है यह सामाजिक आर्थिक एवम सांस्कृतिक कारकों से उत्पन्न होता है। हाल के वर्षाे में अल्ट्रासाउंड तकनीक का प्रयोग लिंग निर्धारण के लिए बहुत आम तरीका हो गया है जिससे परिवार अपने पुत्र प्राप्ति की इच्छा को पूरा कर रहे है। निर्धारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक ( लिंग चयन का निषेध) अधिनियम गर्भधारण के पहले और गर्भधारण के बाद में लिंग जांच को नियंत्रित करता है।इस कानून को सबसे पहले १९९४ में लागू किया गया और २००३ में इसे संशोधित किया गया।इस कानून का उद्देश्य अल्ट्रासाउंड जैसी उन तकनीकों के दुरुपयोग को रोकना है जो लिंग निर्धारण में सक्षम है। आज के कार्यक्रम में सभी स्टाफ,मरीज एवं परिजनों को इस के बारे में एवं अपने आसपास के इलाकों में लडको और लड़कियों के बीच समानता को बढ़ावा देने के लिए जागरूक किया गया।

Leave a Comment

[democracy id="1"]
[adsforwp id="47"]