दिल्लीवार कुर्मी समाज के 40 से अधिक लोगो ने दिया टिकट के लिए आवेदन पार्टी से चाहते है अपना वाजिब हक

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दुर्ग ,छत्तीसगढ़ के आगामी विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारी के लिहाज से दिल्लीवार कुर्मी समाज भी मैदान में ताल ठोक रहा है। धमधा से लेकर अंबागढ़ चौकी और राजिम तक दिल्लीवार कुर्मी समाज के लगभग 40 लोगो ने कांग्रेस से अपनी दावेदारी का आवेदन ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों को सौपा है।

दिल्लीवार समाज के नेताओं का कहना है कि उनकी पापुलेशन इतनी है कि कम से कम एक या दो सीटों पर उनके समाज से प्रत्याशी तय किए जाने की आवश्यकता है। सामाजिक नेताओं का इस संदर्भ में ताबड़तोड़ बैठक चल रहा है। दिल्लीवार समाज के अगुआ नेताओं का कहना है कि धमधा क्षेत्र से लेकर अंबागढ़ चौकी तक उनकी संख्या बहुत है । साढे चार लाख का उनका संख्या किसी भी चुनाव परिणाम को निर्णायक मोड़ देने की क्षमता रखता है । कई सालों से कांग्रेस दिल्लीवार समाज से किसी प्रत्याशियों को अवसर नहीं दिया है। पहले कुर्मी प्यारेलाल बेलचंदन इस समाज के बड़े नेता हुआ करते थे । कांग्रेस से तीन दफा विधायक रहे हैं । धमधा में एक बार और खैरथा से दो बार वे विधायक चुने गए हैं।

मोहंदीपाट परियोजना के जनक प्यारेलाल बेलचंदन ने विधायक रहते क्षेत्र में काफी विकास कार्य किए। अब कई सालों से दिल्लीवार कुर्मी समाज को कांग्रेस की राजनीति में वह अवसर नहीं मिल रहा है, जिसके वे आकांक्षी हैं। समाज के नेता इस दिशा में गंभीरता से विचार विमर्श कर रहे हैं। उनका कहना है कि उनके पुरोधा पुरुष स्व ढाल सिंह दिल्लीवार अविभाजित दुर्ग जिले में पहले विधायक थे। ढाल सिंह दिल्लीवार ऐसे नेता थे, जिन्होंने वासुदेव चंद्राकर और प्यारेलाल बेलचंदन सरीखे सहकारी नेताओं को राजनीति का ककहरा सिखाया।

ढालसिंह दिल्लीवार की राजनीतिक विरासत को स्वर्गीय प्यारेलाल बेलचंदन ने पूरा निभाया, किंतु प्यारेलाल बेलचंदन के जाने के बाद दिल्लीवार समाज कांग्रेस में नेतृत्वविहीन हो गया । अब समाज के नेताओं का कहना है कि जब सभी समाजों को उनकी मतदाता संख्या के आधार पर सीट बांट सकते है, तो दिल्लीवार कुर्मी समाज को भी उनका अधिकार मिलना चाहिए

कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि अभी कांग्रेस में 40 से अधिक दिल्लीवार समाज के नेताओं ने अपनी दावेदारी ठोकी है। राज्य बनने के बाद दिल्लीवार समाज अपने अधिकारों को लेकर सजग है। समाज के नेताओं का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी से प्रीतपाल बेलचंदन एक बड़े क्षेत्रीय नेता थे। किंतु उन्हें भी राजनीतिक षडयंत्रों में फंसा कर सियासी नेपथ्य में धकेल दिया गया है । आज स्थिति यह है कि दिल्लीवार कुर्मी समाज नेतृत्वविहीन दिख रहा है । समाज के नेताओं को यह गम सता रहा है कि दुर्ग जिले की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले दिल्लीवार समाज को आज राजनीति में उनका वाजिब हक नहीं मिल रहा है। लिहाजा वे लामबंद हो गए है।

छत्तीसगढ़ दिल्लीवार कुर्मी क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष राजेंद्र हरमुख ने कहा कि 1998 के बाद समाज का आज तक कोई विधायक नहीं रहा है भाजपा ने एक बार प्रीतपाल बेलचंदन को टिकट दिया था, लेकिन वह सफल नहीं हो पाए उसके बाद अभी तक किसी को टिकट नहीं मिला है हमारा दावा मुख्य रूप से तीन विधानसभा दुर्ग ग्रामीण गुंडरदेही और बालोद से है जिसमें किसी भी एक विधानसभा में दोनों पार्टी टिकट प्रदान करें छत्तीसगढ़ के हर छोटे व बड़े समाज को टिकट दिया गया है लेकिन इतने बड़े समाज जो आर्थिक सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से संपन्न है उनकी उपेक्षा हुई है।

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